कविता की रचना समय का सफर पर की गई

गैस सिलेंडर से अच्छा थावन वन कि वो लकड़ी |माटी के चूल्हे में जोधु धु करके जलती थी | घर घर में माटी का चूल्हामुफ्त में वनों की लकड़ी|जलती थी धु धु करकेवन वन की वो लकड़ी| स्वादिष्ट भोजन बनता थालोहा कढ़ाई पीतल पतेलो में |आज जमाना बदल गयाबनता एलुमिनियम पतेलो में| स्वादिष्ट भोजन आज … Read more

कविता की रचना बीते हुए समय पर कि गई |

कविता की रचना बीते हुए समय पर कि गई बीती रात, भौरकाल आयाचिड़िया चू चू करने लगती |गुन गुन करते आते भंवरेतब फूलों को चूमने लगते|बीती रात, भौरकाल आया | सुनकर आवाज चिडियों कीनींद से जागने जब लगतें हैं |पानी को लोटे में लेकरमुहं को धोने तब लगते हैं | भौरकाल समय जब होतालोग भ्रमण … Read more

कविता एक वृद्ध अम्मा पर आधारित है!

कविता एक वृद्ध अम्मा पर आधारित है! थक गई अब संघर्ष करतेआया अन्त समय अब मेरा!चंद काल धरती पर हूँ !संध्या, हो या सवेरा! मरकर अर्थी पडीं रहेगीशोक मनाने लोग आयेगे!कुछ लोग हे, राम कहेंगेकुछ हाथ जोड़कर खड़ेरहेगें! लेटी थीं तब चली गईअर्थी उसकी पडी रही!लोग आएगे शोक मनानेमरते वक़्त अम्मा बोल गई! पुत्री रूप … Read more

इस कविता की रचना कोरोना वायरसघटित घटनाओं पर की गई है

इस कविता की रचना कोरोना वायरसघटित घटनाओं पर की गई है संभलो वक़्त है बाकीवक़्त यू ही बीत न जाए!कितना धरती को खोदोगेकितना धूआं फैलाना बाकी॥संभलो वक्त है बाकी॥ कितनो का राख बन चुका कितने अभी बनेगे बाकी॥ जब गंगा जमुना भी पूछेगी अब प्रदूषित करना हमें है बाकी! हर दिन उड़ रहा है ,धुआँहर … Read more

ये कविता कोरोना पर आधारित है

ये कविता कोरोना पर आधारित है