कविता की रचना समय का सफर पर की गई
गैस सिलेंडर से अच्छा थावन वन कि वो लकड़ी |माटी के चूल्हे में जोधु धु करके जलती थी | घर घर में माटी का चूल्हामुफ्त में वनों की लकड़ी|जलती थी धु धु करकेवन वन की वो लकड़ी| स्वादिष्ट भोजन बनता थालोहा कढ़ाई पीतल पतेलो में |आज जमाना बदल गयाबनता एलुमिनियम पतेलो में| स्वादिष्ट भोजन आज … Read more