कविता की रचना वक़्त पर कि गई |
आज बढते जा रहे होपर घमंड इतना न कर |उन दिनों को याद करलोजब थे तुम धरती के तल | राहो में बढते चलो तूमख्याल यह रखना तुम्हे |जो जमी पर गिर पड़े है,उन्हें भी उठाना है तुम्हे | सिर पर तुम्हारे हाथ जिनकाकुछ तो कर उनके लिए |जो लल्ला कर तुम्हे पुकारेमुहं न मोड … Read more