आशा की किरण पर कविता की रचना की गई
एक किरण आशा कि देखीवो भी आकर चली गई |जो किरण सूरज ने दिखाईवह बादलो में ढक कर रह गई| सपना देखा या कल्पना थी,ये भी सोचता रह गया |भंवरे की भांति मैं तोगुन गुन करता रह गया |एक किरण आशा कि देखी | टूटते हुए, चट्टानों को देखागिरते हुए झरनों को देखा |डूबती हुई … Read more