चुनाव सीजन के वादे।

जैसे जैसे चुनाव का सीजन आता हैं, सारे प्रत्याशी चाहिए वो किसी भी दल के हो अपने अपने क्षेत्र में जातें हैं,और लोगों को लुभाने का काम करते हैं, जनता के सामने बडे़ बडे वादे करते हैं फिर उनसे वोट पाते हैं,और जीतने के बाद वादे वादे ही रह जाते हैं, एक व्यक्ति निर्दली प्रत्याशी के रूप में टिकट लेकर जनता के बीच वोट मागने के लिए जाता है, और जनता को अपना पूरा विश्वास  देता हैं। आप एक बार अपना आशीर्वाद मुझे दे, मैं वो कर दिखाऊंगा जो काम आज तक नहीं हुएं उन कामों को पूरा करके दिखाऊंगा केवल एक बार मौका दिजिए, नेता जी किस  अंदाज में वोट मांगते है।

 हाथ जोड़कर  विनति करता हूँ।
 मुझे वोट देकर जीताओ तुम।
 सांसद बनाकर अबकी बार
 पार्लियामेंट पहूँचा दो तुम।

न उम्मीदवार हू ,किसी पार्टी का
मैं  प्रत्याशी  हूं , निर्दली।
वादा जो तुमसे करता हूँ,
उन्हें निभाऊंगा जल्दी। 

तुम हो परिवार के सदस्य मेरे
तुम्हीं हो आशा की किरणें।
तुम से सरकारें बनती, गिरती
तुम्हीं वो  ज्वाला की किरणें।

तुम  बनादो  सांसद मुझको
फिर मैं मंत्री पद अपनाऊंगा।
गाँव गाँव की गली गली में
विकास की  गंगा बहाऊंगा।

 जो काम न हुएं पूरे आज तक
 उन्हें  पूरा करके दिखाऊंगा।
 बेरोजगारों को रोजगार दिलाऊ
 महंगाई से मुक्त कराऊंगा ।

  स्वस्थ, शिक्षा ,और नौकरी पर
   हर दिन आवाज उठाऊंगा।
   बुजुर्गों  के लिए फ्री तीर्थयात्रा
   महिलाओं को आरक्षण दिलाऊंगा।

  हाथ जोड़कर विनती करता हूँ,
  मुझे वोट देकर जीताओ तुम।
  सांसद बनाकर अबकी बार
  पार्लियामेंट पहुंचा दो तुम।
        

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