कविता की रचना फूलों पर की गई है
मैं पुष्प हूँ सब जगह हूँ
मेरी खुशबू चारों ओर है,
जहां लगाओ मैं खिलता हूँ
मैं पुष्प हूँ सब जगह हूँ|
मेरे जो पर्यायवाची नाम है
फूल,कुसुम,सुमन,पुष्प है,
देवों का मैं गले का हार हूँ
मंदिरों में पूजा की थाल हूँ|
हर ऋतु में मैं दिखता हूँ
छोटे बड़े पौधों में खिलता हूँ|
आकार एक जैसा नहीं मेरा
घर आंगन में भी मिलता हूँ|
किचड़ में मैं कमल हूँ
बागों में चम्पा,चांदनी |
आंगन में गेंदा, गुलाब हूँ
जंगलों में बांज, बुरांस हूँ|
जितने भी पुष्प जाति है
हम सब की अलग प्रजाति है |
कोई कोमल पौधों से मिलते
कोई कांटो भरे पौधों में खिलते|
रंग हमारे भिन्न भिन्न होते है
लाल, गुलाबी,पीले होते हैं|
कुछ शीत ऋतु में उगते
कुछ वसंत बहारों में खिलते|
मैं पुष्प हूँ हर जगह हूँ
मेरी खुशबू चारों ओर है|
जहां लगाओ मैं खिलता हूँ
मैं पुष्प हूँ सब जगह हूँ|
कविता की रचना फूलों पर की गई है ,अनेक प्रकार के फूल धरती पर उगते है, इन सब कि अलग अलग प्रजाति होती है, कुछ फूल गर्मी के मौसम के होते हैं और कुछ शीत ऋतु में होतें ,तो कुछ वसंत ऋतु में फूलों की अलग
अलग पहचान होती है| प्रत्येक राज्य के फूलों की अलग विशेषता होती है जैसे उत्तराखण्ड राज्य है, यहां चमोली जिले में फूलों की घाटी
बहुत प्रसिद्ध है ,अनेक प्रकार के फूल यहां पर
देखने को मिलतें है साथ ही उत्तराखण्ड का
एक प्रसिद्ध फूल ब्रह्मकमल है | इसी तरह अन्य राज्यों के भी प्रसिद्ध फूल होतें है| फूलों की चाह लगभग बहुत सारे लोगों की होती हैं, कुछ फूल किचड़ में खिलते हैं, जैसे कमल जहां किचड़ होगा वहां ज्यादा से ज्यादा खिलेगा, ऐसा ही गुलाब है जो कंटीले बेल पर खिलता है, इसी प्रकार अन्य फूल है जिनका खिलने का अपना समय होता है, कुछ फूल ऐसे भी है ,जो सदाबहार हैं जो हर मौसम में खिलते रहते हैं| जितने भी फूल प्रजाति है, ये सब प्राकृति की देन है और इन्हें वैज्ञानिकों द्वारा अलग अलग नाम दिया गया | फूलों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है,हर दिन हम फूल माला लेकर मंदिरों में जातें हैं भगवान की मूर्ति व चरणों में फूल चढाते है ,जिससे मन को शांति की प्राप्ति होती है|फूलों से अनेक प्रकार के जूस बनाया जाता है, जो हमे औषधि के रूप में प्राप्त होता है, इसी प्रकार फूलो से अनेक प्रकार से लाभ मिलतें है| हर सप्ताह रविवार को सुंदर लेख पर कविता प्रस्तुत |
लेखक :- मनवर सिंह